Breaking News : सेहत पर कहर ढाने वाली दवाइयां मध्य प्रदेश में सप्लाई होती हैं। कई दवाएँ आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इसी क्रम में सार्वजनिक अस्पतालों में भी निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति की जाती है। इसके चलते 15 दिन में तीसरी बार अमानक दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगानी पड़ी।
सरकारी अस्पतालों में मिलने वाला ओआरएस पाउडर भी खराब है। लॉट नं. LMT240628, नं. एलएमटी240629 विटामिन डी3 कैल्शियम टेबलेट भी अमानक पाई गई है। Batch No. Z-40947 की ओआरएस डब्ल्यूएचओ के ग्लूकोज पाउडर को भी अमानक घोषित किया गया है। अमानक दवाओं के लॉट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है।
CMHO ने राज्य के बैतूल, देवास और धार जिलों में दवाओं का प्रयोगशाला परीक्षण किया है। ये दवाएं ट्रायल में फेल पाई गई हैं। राज्य के सभी जिलों में इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने के निर्देश दिये गये हैं। एक सप्ताह पहले यह भी पता चला था कि कई जीवनरक्षक इंजेक्शन मानक के अनुरूप नहीं थे। कई जीवनरक्षक इंजेक्शनों सहित दवाओं के कुल नौ बैचों को 9 अगस्त को उपयोग से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन ने सभी जिलों के डीन, सीएमएचओ और अस्पताल अधीक्षकों को पत्र भेजकर इन दवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।