CBI Raid in Singrauli: सिंगरौली NCL में CBI छापे में अब तक क्या-क्या हुआ, कितनी रकम जब्त, कौन-कौन गिरफ्तार, जानें सबकुछ

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CBI Raid in Singrauli : सिंगरौली नॉर्दर्न कोल्डफील्ड लिमिटेड (NCL) भ्रष्टाचार मामले में CBI की छापेमारी दूसरे दिन भी जारी रही। एनसीएल के पूर्व सीएमडी भोला सिंह के नोएडा और रांची स्थित ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी की गई। एनसीएल के सुरक्षा निदेशक रवींद्र कुमार प्रसाद और नियोजन एवं तकनीकी परियोजना निदेशक सुनील प्रसाद सिंह के सिंगरौली स्थित आवास पर भी सीबीआई पहुंची। रवीन्द्र कुमार अपने घर से गायब मिले।

डीजीएम स्तर के दो अधिकारी भी जांच के घेरे में

एनसीएल के दो डीजीएम स्तर के अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। उनके ठिकानों की भी जांच की गई है। एनसीएल में धांधली की जांच के सिलसिले में रिश्वत लेते पकड़े गए सीबीआई डीएसपी जय जोसेफ दामले के जबलपुर स्थित आवास और कार्यालय की भी तलाशी ली गई।

डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक रिकॉर्ड जब्त किए गए

जांच के दौरान कुछ आपत्तिजनक डिजिटल डिवाइस और रिकॉर्ड जब्त किए गए। कई गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। मामले में मध्य प्रदेश पुलिस के जबलपुर में तैनात एसआई कमल सिंह भी शामिल पाए गए हैं। अब तक डीएसपी और एसआई समेत छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

शनिवार को सीबीआई ने एसीबी शाखा के पुलिस उपाधीक्षक जय जोसेफ दामले को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जबलपुर से गिरफ्तार किया। यह रकम एनसीएल के सीएमडी पीए सूबेदार ओझा और मुख्य प्रबंधक (प्रशासन) कर्नल बसंत कुमार सिंह ने एक कर्मचारी के माध्यम से दिवेश सिंह को भेजी थी। दिवेश एनसीएल में ठेकेदार रवि सिंह का पार्टनर है।

रवि के कहने पर ही वह डीएसपी को पैसे सौंपने जबलपुर आया था। इसके बाद दिल्ली की टीम ने रविवार को सिंगरौली में सूबेदार ओझा और कर्नल बसंत कुमार सिंह और ठेकेदार रवि सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की। जहां से कुल 40 लाख रुपये और कई आपत्ति अभिलेख जब्त किये गये। डीएसपी दामले, सूबेदार ओझा, कर्नल बसंत कुमार सिंह, ठेकेदार रवि सिंह और दिवेश को गिरफ्तार कर लिया गया है।

CBI Raid in Singrauli : जांच में बचाने के लिए पांच लाख की पहली किस्त

ठेकेदार मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के मालिक रविशंकर सिंह एनसीएल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। मशीनों के लिए स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति करता है। उन्होंने बहुत बड़ा सप्लाई घोटाला किया था, जिसमें कर्नल बसंत, पीए सूबेदार और कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल थे। इस घोटाले की जांच में अधिकारियों को बचाने के लिए रिश्वत की पहली किस्त 5 लाख रुपये 16 अगस्त को डीएसपी को दी गई थी, जिसमें रविशंकर बिचौलिए थे।

डीएसपी और एसआई को प्रभावित कर बनाया गठजोड़ और खुद बन गया मध्यस्थ

ठेकेदार रविशंकर सिंह ने सीबीआई डीएसपी समेत कुछ अधिकारियों से गठजोड़ बना लिया था। मैं सबसे पहले एनसीएल में हो रही अनियमितताओं के बारे में पूछता। इस बार संबंधित को सीबीआइ डीएसपी से कार्रवाई की धमकी दी जायेगी। वह वहां फंसे एनसीएल एजेंटों के लिए मध्यस्थ भी बने। वह उनसे बड़ी रकम वसूल करता था और उसे उनमें बांट देता था।

रिश्वत की रकम डीएसपी को देने के लिए वह पुलिस उपनिरीक्षक कमल सिंह को अपने साथ ले गया। चतुर रविशंकर ने एसआई घर का संचालन अपने हाथ में ले लिया। कुछ दिन बाद उस पते पर दिल्ली से एक कॉल आई। यह फोन पंकज ट्रैवल्स के कर्मचारी सुखचैन सिंह ने दो अगस्त को एसआई को सौंपा था। फिर छह अगस्त को ट्रांजेक्शन पर बातचीत के लिए सिम कार्ड भी भेजा गया।

CBI Raid in Singrauli : रवीन्द्र कुमार के घर पर पुलिस का पहरा

जैसे ही सीबीआई ने जांच का शिकंजा कसा, एनसीएल के सुरक्षा निदेशक रवींद्र कुमार प्रसाद सिंगरौली स्थित अपने आवास से लापता हो गए। सोमवार को जब छापेमारी की गयी तो वह नहीं मिला। स्थानीय पुलिस उनके आवास की सुरक्षा कर रही है। घर में किसी का भी प्रवेश वर्जित है। परिजनों से रवींद्र के बारे में पूछताछ की गई है। एनसीएल में आपूर्ति अनियमितताओं के आरोपों की जांच में अनुकूल रिपोर्ट देने वाले जबलपुर के सीबीआई डीएसपी दामले पर भी निलंबन की तलवार लटक रही है।

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