MP News : मध्य प्रदेश के एक बीजेपी नेता बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। उसकी धोखाधड़ी सामने आई जिसके आधार पर कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। मुरैना में बीजेपी मेयर शारदा सोलंकी के खिलाफ कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने को कहा है। महापौर शारदा सोलंकी पहले कांग्रेस में थीं लेकिन चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गईं।
कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं मुरैना की मेयर शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट फर्जी पाई गई है। कोर्ट ने शारदा सोलंकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा। कोर्ट ने यह फैसला मेयर चुनाव की प्रत्याशी मीना जाटब की अर्जी के मद्देनजर दिया।
मेयर शारदा सोलंकी की 10वीं सूची फर्जी
जानकारी के मुताबिक मेयर शारदा सोलंकी की 10वीं सूची फर्जी है। जिला अदालत की जेएमएफसी अदालत ने सिविल लाइन थाने को उसके खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा। चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी रहीं मीना जाटोव ने कोर्ट में दलील दी कि मेयर शारदा सोलंकी की मार्कशीट और उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी है।
कोर्ट में याचिकाकर्ता मेयर शारदा सोलंकी के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी साबित नहीं कर सका, जिसके चलते केस खारिज हो गया, लेकिन मेयर 10वीं सूची के मामले में फंस गई हैं। इधर, मेयर शारदा सोलंकी और उनके वकील ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी फैसले की जानकारी नहीं है।
शारदा सोलंकी ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफी करीबी
शारदा सोलंकी के पति इलाके के वरिष्ठ कांग्रेस नेता थे। वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफी करीबी माने जाते थे। मेयर शारदा सोलंकी ने बताया कि शारदा पुत्री वासुदेव ने 1986 में पिनाहट के सर्वेदय विद्या मंदिर स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की थी, जबकि स्कूल प्रबंधन का कहना था कि 1986 में शारदा पुत्री वासुदेव को स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया था। शारदा सोलंकी द्वारा दी गई मार्कशीट भानजीत के बेटे नरोत्तम नाम के छात्र की है।
मेयर पद के नामांकन के लिए भी यही मार्कशीट शारदा सोलंकी ने जमा की है। अब कोर्ट ने सिविल लाइंस पुलिस को शारदा सोलंकी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है।